9 सितंबर 1994… क्रिकेट इतिहास की एक ऐसी तारीख, जिसे हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी हमेशा याद रखता है। यही वो दिन था जब ‘मास्टर ब्लास्टर’ Sachin Tendulkar ने कोलंबो में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय शतक (First ODI Century) जड़कर एक नए युग की शुरुआत की थी। यह सिर्फ एक शतक नहीं, बल्कि एक महान करियर की नींव थी, जिसने बाद में उन्हें ‘क्रिकेट का भगवान’ बनाया। आइए, इस खास दिन की यादें ताजा करते हैं और जानते हैं इस ऐतिहासिक पारी की पूरी कहानी।
संघर्ष और इंतजार: पहले शतक की लंबी राह
सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। अपने डेब्यू के बाद उन्हें पहले एकदिवसीय शतक के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। शुरुआती 78 मैचों और लगभग 5 सालों तक, उन्होंने 17 अर्धशतक तो बनाए, लेकिन शतक का आंकड़ा छूने में सफल नहीं हो पाए थे। शुरुआती मैचों में कुछ बार तो वो बिना खाता खोले भी आउट हो गए थे, लेकिन ‘क्रिकेट के भगवान’ बनने की उनकी जिद और जुनून ने उन्हें कभी हार नहीं मानने दी।
टर्निंग पॉइंट: ओपनिंग का मौका और विस्फोटक पारी
मार्च 1994 में न्यूजीलैंड दौरे के दौरान टीम मैनेजमेंट ने Sachin Tendulkar को ओपनिंग का मौका दिया। यह फैसला उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इस मैच में सचिन ने सिर्फ 49 गेंदों में 82 रन की विस्फोटक पारी खेलकर सबको हैरान कर दिया। यहीं से यह तय हो गया कि सचिन सिर्फ एक सामान्य खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक बड़े और असाधारण प्रतिभा के धनी हैं। यह पारी उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई और उन्होंने अपनी भूमिका में जबरदस्त प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
9 सितंबर 1994: जब जड़ा गया ऐतिहासिक First ODI Century
फिर आया 9 सितंबर 1994 का वो ऐतिहासिक दिन। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे एकदिवसीय मैच में एक बार फिर Sachin Tendulkar (Master Blaster) मनोज प्रभाकर के साथ ओपनिंग करने उतरे। उन्होंने शुरू से ही अपनी बल्लेबाजी का जलवा दिखाया और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को बैकफुट पर धकेल दिया। सचिन ने सिर्फ 43 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और फिर चौके-छक्कों की बरसात करते हुए शानदार 110 रन बनाए, जिसमें 8 चौके और 2 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। यह पारी Cricket History में दर्ज हो गई।
मैच का परिणाम और Master Blaster का उदय
Sachin Tendulkar की इस बेहतरीन पारी के दम पर भारत ने निर्धारित 50 ओवर में 246 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया। जवाब में, ऑस्ट्रेलिया की टीम 47.5 ओवर में 215 रन बनाकर ऑल आउट हो गई और भारत ने यह मुकाबला 31 रनों से जीत लिया। सचिन तेंदुलकर को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। यह First ODI Century सिर्फ एक शुरुआत थी। इस शतक के बाद Sachin Tendulkar ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने एक के बाद एक कई कीर्तिमान स्थापित किए और 49 एकदिवसीय शतक तथा 51 टेस्ट शतक के साथ ‘क्रिकेट का भगवान’ कहलाए। यह दिन भारतीय क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने एक ऐसे खिलाड़ी की यात्रा को चिह्नित किया, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया।