मणिपुर की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है, जहाँ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तीन कद्दावर नेताओं ने कांग्रेस (Congress) का हाथ थाम लिया है। यह महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान घटी, जिससे राज्य की Manipur politics में हलचल मच गई है।
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में शामिल हुए दिग्गज
इस बड़े राजनीतिक बदलाव के तहत, मणिपुर के तीन प्रमुख भाजपा नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इन नेताओं में पूर्व विधानसभा सदस्य उत्तमकुमार निंगथौजम, वाई सुरचंद्र सिंह और एल राधाकिशोर सिंह शामिल हैं। कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने इन नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो राज्य में पार्टी को नई ऊर्जा देने का संकेत है।
मणिपुर संकट: भाजपा की नाकामी बनी दल-बदल की वजह
कांग्रेस द्वारा जारी एक बयान में इन नेताओं के political defection के पीछे का कारण स्पष्ट किया गया है। बयान के अनुसार, इन नेताओं का भाजपा छोड़ने का फैसला मणिपुर संकट को संभालने में भाजपा की कथित नाकामी को लेकर फैली व्यापक नाराजगी के बीच आया है। यह घटना इस बढ़ते विश्वास को दर्शाती है कि राज्य में केवल कांग्रेस ही शांति, स्थिरता और समावेशी शासन प्रदान कर सकती है। यह बात साफ तौर पर इंगित करती है कि Manipur crisis ने राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित किया है।
कौन हैं ये नेता और क्या होगा इसका प्रभाव?
शामिल हुए नेताओं में वाई. सुरचंद्र सिंह काकचिंग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि एल. राधाकिशोर सिंह ओइनम विधानसभा क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं। उत्तमकुमार निंगथौजम भी पार्टी के एक जाने-माने चेहरे हैं। कांग्रेस के मणिपुर प्रभारी सप्तगिरि शंकर उलाका और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र सिंह की उपस्थिति में इन नेताओं को पार्टी में शामिल किया गया। उलाका ने विश्वास व्यक्त किया है कि इन तीनों नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने से मणिपुर में पार्टी को बड़ी मजबूती मिलेगी। उनके बहुमूल्य राजनीतिक और पेशेवर अनुभव से संगठन को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे आगामी चुनावों में Congress की स्थिति मजबूत हो सकती है और BJP को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।