बिहार के ऐतिहासिक शहर गया स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी (OTA Gaya) में 6 सितंबर 2025 को आयोजित पासिंग आउट परेड (Passing Out Parade) ने देश को 207 नए सैन्य अधिकारी दिए। इस गौरवशाली अवसर पर, जहाँ 184 पुरुष और 23 महिला कैडेट्स ने भारतीय सेना (Indian Army) में कमीशन प्राप्त किया, वहीं कुछ कहानियों ने सबका ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया। यह समारोह न केवल कड़ी मेहनत का परिणाम था, बल्कि उन परिवारों के लिए भी गर्व का क्षण था जिनकी पीढ़ियों ने देश सेवा को अपना धर्म माना है। आज, ये सभी नए अधिकारी देश के विभिन्न रेजिमेंट में अपनी सेवाएँ देने के लिए तैयार हैं, जिनमें से हर एक एक समर्पित Army Officer है।
गया ओटीए: देश को मिले 207 नए सैन्य अधिकारी
शनिवार, 6 सितंबर 2025 का दिन गया ओटीए के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। एसएससी टेक्निकल कोर्स के 207 कैडेट्स ने अपनी कड़ी ट्रेनिंग पूरी कर देश सेवा का संकल्प लिया। पासिंग आउट परेड में कदमताल करते हुए इन भावी सैन्य अधिकारियों के चेहरे पर आत्मविश्वास और आँखों में देश के प्रति समर्पण साफ झलक रहा था। इनमें कई ऐसे युवा थे, जिनकी कहानियाँ और भी प्रेरणादायक हैं, जो यह दर्शाती हैं कि देश सेवा का जज्बा कैसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता है। हर cadet एक potential Success Story है।
गौरवपूर्ण पिपिंग सेरेमनी: आँखों में खुशी के आँसू
पासिंग आउट परेड के बाद पिपिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया, जो ऑफिसर कैडेट्स और उनके परिवारों के लिए एक अत्यंत भावनात्मक और गौरवपूर्ण अनुभव था। इस समारोह में शामिल 207 कैडेट्स के परिवार के सदस्य अपने बेटे-बेटियों और भाई-बहनों को सेना में अधिकारी बनते देख खुशी से झूम उठे। कई लोगों की आँखों से खुशी के आँसू बह रहे थे, तो कुछ अपने बच्चों को प्यार और दुलार से गले लगा रहे थे। यह पल उन सभी बलिदानों और तपस्या का प्रतिफल था जो इन युवाओं ने देश सेवा के लिए किए थे।
चौथी पीढ़ी का सैन्य गौरव: लेफ्टिनेंट अभिनव चौधरी की कहानी
इस बार गया ओटीए (OTA Gaya) से पास आउट हुए कैडेट्स में सोनीपत, हरियाणा के लेफ्टिनेंट अभिनव चौधरी एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनके परिवार ने चार पीढ़ियों से भारतीय सेना (Indian Army) को अपनी सेवाएँ दी हैं। सबसे पहले उनके पिताजी के दादाजी, फिर अभिनव के दादाजी, और फिर उनके पिताजी ने देश की रक्षा में योगदान दिया। अब अभिनव खुद एक Army Officer बनकर इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि अभिनव को उसी यूनिट में कमीशन मिला है, जिसमें उनके दादाजी ने सेवा की थी। अभिनव के पिता ने भी इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए गया ओटीए के अधिकारियों का धन्यवाद किया। यह एक अद्भुत Success Story है जो समर्पण को दर्शाती है।
तीन महीने में दो लेफ्टिनेंट: तमन्ना सलारिया और उनके भाई की उपलब्धि
पठानकोट की लेफ्टिनेंट तमन्ना सलारिया की कहानी भी प्रेरणा से भरी है। गया ओटीए से पास आउट होने के बाद, उनके परिवार को एक बड़ी खुशी मिली है: पिछले तीन महीने के भीतर उनके परिवार में दो सदस्य लेफ्टिनेंट बने हैं। तीन महीने पहले ही उनके भाई, लेफ्टिनेंट अक्षय सलारिया, आईएमए देहरादून से पास आउट होकर सेना में अधिकारी बने थे। उनके पिताजी भी भारतीय सेना में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। तमन्ना सलारिया ने बताया कि वह और उनके भाई दोनों साथ में एसएसबी की तैयारी कर रहे थे। अब दोनों भाई-बहन लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा के लिए तैयार हैं। यह उनके परिवार के लिए एक दोहरी Success Story है।
निष्कर्ष: देश सेवा का अटूट संकल्प
गया ओटीए में आयोजित यह पासिंग आउट परेड (Passing Out Parade) सिर्फ एक समारोह नहीं था, बल्कि देश के युवाओं में निहित अदम्य साहस, समर्पण और देश प्रेम का प्रतीक था। लेफ्टिनेंट अभिनव चौधरी और लेफ्टिनेंट तमन्ना सलारिया जैसे युवा अधिकारी, अपनी पारिवारिक सैन्य परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए, लाखों अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं। भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल होने वाले इन सभी नए Army Officer को देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए उनके योगदान हेतु हार्दिक शुभकामनाएँ।