उत्तर प्रदेश की राजनीति में बयानों को लेकर गरमागरमी कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब बात निजी आरोपों तक पहुंच जाए तो मामला कानूनी मोड़ ले लेता है। ऐसा ही कुछ बलिया की बांसडीह विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक केतकी सिंह और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव के बीच हुआ है। अखिलेश यादव पर दिए गए ‘टोटीचोर’ बयान के चलते केतकी सिंह को अब सपा की ओर से एक कड़ा कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें सार्वजनिक माफी या फिर 5 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की गई है।
क्या था केतकी सिंह का ‘टोटीचोर’ बयान?
हाल ही में बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बिहार दौरे पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, "अखिलेश यादव बिहार गए, ठीक है, लेकिन पहले यूपी की जनता को वो टोटियां लौटाइए जो मुख्यमंत्री आवास खाली करते हुए ले गए थे।" हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्हें नहीं लगता कि अखिलेश यादव जैसे बड़े नेता ऐसी हरकत कर सकते हैं, लेकिन उन्हें पता लगाना चाहिए कि सपा में ऐसे कौन लोग थे जो टोटियां उखाड़ ले गए थे। केतकी सिंह ने आगे कहा कि जिस यूपी की जनता ने उन्हें चार बार सीएम बनाया है, उन्हें टोटियां वापस कीजिए, उसके बाद ही आगे की बात होगी। इस बयान के बाद से ही सूबे की राजनीति गरमा गई थी।
सपा का कानूनी नोटिस और 15 दिन का अल्टीमेटम
केतकी सिंह के इस बयान को समाजवादी पार्टी ने गंभीरता से लिया है। सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने बताया कि बीजेपी विधायक केतकी सिंह को आमर्यादित टिप्पणी, झूठ और छवि धूमिल करने वाले बयान के लिए कानूनी नोटिस भेजा गया है। सपा अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वकील कृष्ण कन्हैया पाल ने जानकारी दी कि केतकी सिंह ने फर्जी आरोप लगाए हैं, जो निराधार हैं और ट्रायल में साबित नहीं किए जा सकते।
नोटिस के जरिए बीजेपी विधायक से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए कहा गया है। इसके लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है। कानूनी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि निर्धारित अवधि में माफी नहीं दी जाती है, तो सक्षम न्यायालय में उनके खिलाफ सिविल और आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू की जाएगी। इसके साथ ही 5 करोड़ रुपये का हर्जाना (मुआवजा) भी मांगा जाएगा, जो पूरी तरह से उनके जोखिम और खर्च पर होगा।
बयान के बाद राजनीतिक हंगामा और प्रदर्शन
बीजेपी विधायक के इस बयान के बाद से ही सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है। बीते दिनों सपा कार्यकर्ताओं ने केतकी सिंह के लखनऊ स्थित सरकारी आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था। उस समय दावा किया गया था कि केतकी सिंह की बेटी घर पर अकेली थी, जो सपा के प्रदर्शन से डर गई थी। शुक्रवार को भी सपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज चौराहे पर बीजेपी विधायक के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिससे यह मामला और तूल पकड़ गया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि केतकी सिंह सपा के इस अल्टीमेटम पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं और क्या यह मामला अदालत तक पहुंचता है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में ‘टोटीचोर’ विवाद ने एक नया अध्याय खोल दिया है।