दलीप ट्रॉफी में विदर्भ के बल्लेबाज दानिश मालेवार ने हाल ही में एक शानदार दोहरा शतक जड़कर क्रिकेट जगत में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा लिया है। इस ऐतिहासिक पारी ने उन्हें क्रिकेट के कुछ महानतम खिलाड़ियों के एक बेहद खास क्लब में शामिल कर दिया है। सेंट्रल जोन का प्रतिनिधित्व करते हुए, दानिश ने नॉर्थ ईस्ट जोन के खिलाफ 203 रनों की अविश्वसनीय पारी खेली, जिसके बाद वह ‘रिटायर हर्ट’ हो गए। यह दोहरा शतक उनके प्रथम श्रेणी करियर का पहला था और इसी के साथ उन्होंने विजय मर्चेंट और अरविंदा डी सिल्वा जैसे दिग्गजों के विशेष समूह में अपनी जगह बना ली।
एक यादगार पारी का सफर
दानिश मालेवार ने आयुष पांडे के आउट होने के बाद क्रीज संभाली और शुरुआत धीमी रही, लेकिन जल्द ही उन्होंने लय पकड़ ली। उन्होंने आर्यन जुयाल के साथ 139 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जिसके बाद कप्तान रजत पाटीदार के साथ मिलकर 199 रनों की विशाल पार्टनरशिप निभाई। खराब रोशनी के कारण जब पहले दिन का खेल रोका गया, तब दानिश 198 रन बनाकर नाबाद थे, जो उस समय तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका सर्वोच्च स्कोर था। पिछले रणजी ट्रॉफी फाइनल में भी उन्होंने 153 रनों की शानदार पारी खेली थी, लेकिन यह दोहरा शतक उससे भी कहीं आगे था।
अगले दिन सुबह उन्होंने अपनी पारी को उसी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाया, जहां उन्होंने इसे छोड़ा था। 36 चौकों और एक छक्के की मदद से उन्होंने 200 का आंकड़ा पार किया। 203 रन पर पहुंचने के बाद, उन्होंने एक असामान्य कदम उठाते हुए ‘रिटायर हर्ट’ होने का फैसला किया। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में, किसी बल्लेबाज का दोहरा शतक लगाने के बाद रिटायर होना एक दुर्लभ घटना है।
अनोखा ‘रिटायर हर्ट’ क्लब
मालेवार से पहले, 200 रन का आंकड़ा पार करने के बाद रिटायर होने वाले आखिरी बल्लेबाज क्रेग स्पीयरमैन थे, जिन्होंने 2005 में ग्लूस्टरशायर के लिए खेलते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सेंटर ऑफ क्रिकेटिंग एक्सीलेंस के खिलाफ 216 रन बनाए थे। स्पीयरमैन का यह स्कोर अभी भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ‘रिटायर आउट’ होने वाले बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर है।
भारतीय दिग्गजों की सूची में शामिल
दानिश मालेवार का यह दोहरा शतक और उसके बाद ‘रिटायर हर्ट’ होना, उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान दिलाता है। महान बल्लेबाज विजय मर्चेंट के बाद, 81 सालों में वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। विजय मर्चेंट ने 1943-44 में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया की ओर से खेलते हुए सर्विसेज इलेवन के खिलाफ 201 रन बनाकर ‘रिटायर्ड आउट’ हुए थे।
यह भी गौरतलब है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने के बाद ‘रिटायर्ड आउट’ होने वाले पहले खिलाड़ी भी एक भारतीय ही थे – गोगुमल किशनचंद। उन्होंने मार्च 1944 में सीके नायडू इलेवन के लिए डीबी देवधर इलेवन के खिलाफ 204 रन बनाकर यह उपलब्धि हासिल की थी। इस तरह दानिश ने भारतीय क्रिकेट की समृद्ध विरासत में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
दानिश मालेवार की यह पारी न केवल उनके व्यक्तिगत करियर की एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह दलीप ट्रॉफी और भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक यादगार पल भी बन गई है।