भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। गणेश चतुर्थी की छुट्टी से पहले, मंगलवार, 27 अगस्त को निफ्टी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इंडेक्स 24,800 के महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल से नीचे खिसक गया, जो 14 अगस्त के बाद का सबसे निचला स्तर है। अब जबकि बुधवार को बाजार बंद था, निवेशकों की नजर गुरुवार, 28 अगस्त के कारोबारी सत्र पर टिकी है। कैसी रहेगी निफ्टी की चाल और कौन से स्तर अहम रहेंगे? आइए, जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय।
मंगलवार का कमजोर प्रदर्शन: क्या हुआ बाजार में?
गणेश चतुर्थी की छुट्टी से पहले, मंगलवार को निफ्टी ने कमजोर शुरुआत की और 24,800 के अहम सपोर्ट लेवल से नीचे फिसल गया। इतना ही नहीं, यह 50-दिवसीय EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से भी नीचे बंद हुआ, जो एक नकारात्मक संकेत माना जाता है। कारोबार खत्म होने तक, निफ्टी 256 अंक टूटकर 24,712 पर आ गया।
बाजार में ओवरऑल गिरावट का माहौल था, लेकिन कुछ ऑटो और FMCG हैवीवेट्स जैसे आयशर मोटर्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति और आईटीसी ने इंडेक्स को थोड़ी राहत दी। वहीं, श्रीराम फाइनेंस, सन फार्मा और टाटा स्टील जैसे शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। निफ्टी FMCG को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए, जिसमें निफ्टी रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और पीएसयू बैंक सबसे ज्यादा गिरे। ब्रॉडर मार्केट में भी दबाव देखा गया, जहां निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.62% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 2% से अधिक गिर गए।
गिरावट के प्रमुख कारण
इक्विटी मार्केट में इस बड़ी गिरावट की मुख्य वजह अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जिससे कुल ड्यूटी 50% हो गई। यह शुल्क 27 अगस्त से लागू हुआ है।
इसके अलावा, ग्लोबल मार्केट के सेंटीमेंट को तब झटका लगा, जब ट्रंप ने फेड गवर्नर लिसा कुक को मॉर्टगेज डॉक्यूमेंट्स फर्जीवाड़े के आरोप में बर्खास्त कर दिया। साथ ही, उन्होंने कई देशों को डिजिटल सर्विस टैक्स के जवाब में चिप एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाने की धमकी भी दी, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव और बढ़ गया।
अब बाजार की नजर किन अहम फैक्टर्स पर?
भारतीय बाजार बुधवार को गणेश चतुर्थी की छुट्टी पर बंद था। गुरुवार को बाजार खुलने पर आने वाले एक्सपायरी सेशन और वैश्विक घटनाक्रमों के मद्देनजर अस्थिरता बढ़ सकती है। निवेशकों की नजर इस बात पर रहेगी कि क्या भारत पर लगाए गए सेकेंडरी टैरिफ को टाला जाता है, क्योंकि ऐसा होने पर निकट भविष्य में बाजार की धारणा सुधर सकती है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) ने इसका संकेत भी दिया है कि मौजूदा व्यापारिक तनाव के बावजूद अमेरिका आखिर में भारत के साथ आ जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी और ट्रंप के बीच अच्छे रिश्तों का भी हवाला दिया।
एक्सपर्ट्स की निफ्टी पर राय
बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए, एक्सपर्ट्स ने निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल बताए हैं:
- नागराज शेट्ठी (HDFC Securities): निफ्टी का शॉर्ट-टर्म ट्रेंड कमजोर बना हुआ है। मुख्य सपोर्ट लेवल 24,600 और 24,400 पर हैं। हालांकि, अगर इंडेक्स 24,900 के ऊपर स्थायी रूप से बना रहता है, तो निकट अवधि में शॉर्ट कवरिंग शुरू हो सकती है।
- रूपक डे (LKP Securities): इंडेक्स पर बिकवाली तब तक हावी रहेगी, जब तक यह 24,850 के नीचे ट्रेड करेगा। डाउनसाइड में करेक्शन 24,150 या उससे भी नीचे तक जा सकता है।
- नंदीश शाह (HDFC Securities): अगर निफ्टी 24,673 से नीचे गिरता है, तो यह अगले सपोर्ट 24,340 की ओर और फिसल सकता है। ऊपर की ओर, 24,900 तत्काल रेजिस्टेंस के रूप में काम करेगा।
- ओम मेहरा (SAMCO Securities): सपोर्ट 24,600 (100-SMA) और 24,500 पर है। वहीं, रेजिस्टेंस लगभग 24,900-25,000 के आसपास है, जहां शॉर्ट-टर्म मूविंग एवरेज हैं। जब तक इंडेक्स इन लेवल्स को फिर से हासिल नहीं करता, तब तक आउटलुक कमजोर बना रहने की आशंका है।
कुल मिलाकर, गुरुवार के कारोबारी सत्र में बाजार में अस्थिरता रहने की उम्मीद है। निवेशकों को वैश्विक संकेतों, अमेरिकी टैरिफ पर किसी भी अपडेट और तकनीकी स्तरों पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी जाती है।
डिस्क्लेमर: यहां दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें। लेखक और प्रकाशक इन विचारों के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।