हिमाचल प्रदेश का सुंदर जिला कुल्लू-मनाली इस समय कुदरत के रौद्र रूप का सामना कर रहा है। मानसून सीजन में लगातार हो रही भारी बारिश ने यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। न केवल सड़कें बंद हो गई हैं, बल्कि अब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, विशेषकर ईंधन, पर भी संकट मंडरा रहा है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।
कुल्लू में भारी बारिश से थमी रफ्तार: सड़कें बंद, आवाजाही ठप
कुल्लू जिले में भारी बारिश आफत बनकर बरसी है। राष्ट्रीय राजमार्ग-03 सहित वैकल्पिक मार्ग कांडी-कटौला भी कई स्थानों पर बंद हो गया है। इससे कुल्लू के लिए भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप पड़ गई है। प्रशासन का अनुमान है कि इन सड़कों की बहाली में एक से दो दिन का समय लग सकता है। ऐसी स्थिति में, आवश्यक सामान की किल्लत न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई: ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नए आदेश
कुल्लू-मनाली में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, उपायुक्त कुल्लू और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के अध्यक्ष तोरुल एस. रवीश ने तत्काल प्रभाव से कई आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत, जिले के सभी पेट्रोल पंपों को आपातकालीन सेवाओं के लिए एक न्यूनतम आरक्षित स्टॉक बनाए रखना अनिवार्य कर दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संकट के समय में भी आवश्यक सेवाएं बाधित न हों।
पेट्रोल पंपों के लिए आरक्षित स्टॉक के कड़े नियम
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, पेट्रोल पंपों को अपनी क्षमता के आधार पर न्यूनतम ईंधन स्टॉक रखना होगा:
- जिन पंपों की क्षमता 25,000 लीटर से अधिक है, उन्हें कम से कम 5000 लीटर डीज़ल और 3000 लीटर पेट्रोल रिज़र्व में रखना होगा।
- जिन पंपों की क्षमता 25,000 लीटर से कम है, उन्हें कम से कम 3000 लीटर डीज़ल और 2000 लीटर पेट्रोल रिज़र्व रखना अनिवार्य होगा।
ये आदेश कुल्लू-मनाली के सभी पेट्रोल पंप मालिकों को तत्काल प्रभाव से जारी कर दिए गए हैं।
वाहनों के लिए ईंधन की सीमा तय: कितना मिलेगा पेट्रोल-डीजल?
सड़कों की खराब स्थिति और ईंधन की संभावित कमी को देखते हुए, अब सभी वाहनों को सीमित मात्रा में ही पेट्रोल और डीजल दिया जाएगा। नए नियमों के अनुसार:
- हल्के वाहनों (LMV) को एक बार में अधिकतम 20 लीटर ईंधन मिलेगा।
- भारी वाहनों (HMV) को अधिकतम 100 लीटर तक ही ईंधन उपलब्ध करवाया जाएगा।
हालांकि, एम्बुलेंस, फायर टेंडर, आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई में लगे वाहन और सड़क बहाली कार्यों में लगे वाहनों को उनकी वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ईंधन उपलब्ध करवाया जाएगा। इन सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि राहत कार्य और आपातकालीन सहायता प्रभावित न हो।
कालाबाजारी पर होगी सख्त कार्रवाई, आपदा में मुनाफाखोरी बर्दाश्त नहीं
इस मुश्किल समय में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ईंधन का किफायत से इस्तेमाल करें। साथ ही, किसी भी तरह की जमाखोरी या कालाबाजारी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आदेशों की अवहेलना करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 270 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 51 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें दो वर्ष तक की सज़ा या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। प्रशासन का लक्ष्य है कि आपदा के इस समय में सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से चलती रहें और किसी भी तरह की अराजकता को रोका जा सके।
संक्षेप में: मुश्किल घड़ी में एकजुटता की अपील
कुल्लू-मनाली में आई इस आपदा में प्रशासन अपनी पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। लोगों से भी अपेक्षा है कि वे धैर्य बनाए रखें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें। इस मुश्किल घड़ी में एकजुटता और सहयोग ही हमें इस चुनौती से बाहर निकलने में मदद करेगा।