छत्तीसगढ़ के बागबाहरा में हाल ही में ‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ विषय पर एक विकासखण्ड स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का गरिमामय ढंग से आयोजन किया गया, जिसने विद्यार्थियों में सड़क सुरक्षा के प्रति गहरी जागरूकता उत्पन्न की। इस प्रतियोगिता में युवा मस्तिष्क ने तार्किक और प्रभावशाली विचारों के माध्यम से सड़क सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया।
प्रतिभा का प्रदर्शन: विजेताओं का सम्मान
इस प्रेरणादायक प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने अपनी बौद्धिक क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। सेजेस कोमाखान समूह ने प्रथम स्थान प्राप्त कर अपनी छाप छोड़ी, जबकि सेजेस बागबाहरा ने द्वितीय स्थान हासिल किया। हायर सेकंडरी स्कूल बकमा घुंचापाली ने तृतीय स्थान प्राप्त कर अपनी जगह बनाई। विजेताओं को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया, जिससे उनका उत्साहवर्धन हुआ।
अनुविभागीय अधिकारी का प्रेरक उद्बोधन: “दुर्घटनाएं केवल आंकड़े नहीं”
कार्यक्रम में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बागबाहरा, श्री उमेश कुमार साहू ने अपने उद्बोधन में सड़क दुर्घटनाओं की भयावह वास्तविकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “सड़क दुर्घटनाएँ केवल आँकडे़ नहीं हैं, बल्कि प्रत्येक दुर्घटना किसी परिवार के सपनों का टूटना और जीवन की पीड़ा है।” श्री साहू ने भारत में सड़क सुरक्षा को एक गंभीर चुनौती बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि इसका समाधान तभी संभव है जब हर नागरिक स्वयं जिम्मेदारी लेते हुए यातायात नियमों का पालन करे। उन्होंने हेलमेट, सीट बेल्ट, ट्रैफिक सिग्नल और गति सीमा को “जीवन रक्षा के कवच” बताया और युवा पीढ़ी से आगे आकर समाज में जागरूकता फैलाने और स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करने का आह्वान किया। छात्रों के गंभीर विचारों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि हमारी नई पीढ़ी परिवर्तन लाने के लिए तैयार है।
थाना प्रभारी का संदेश: “पुलिस का उद्देश्य चालान काटना नहीं, सुरक्षा सुनिश्चित करना है”
थाना प्रभारी श्री नितेश सिंह ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि पुलिस का मुख्य उद्देश्य चालान काटना नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने नागरिकों से सड़क पर स्वयं अनुशासित रहने का आग्रह किया। श्री सिंह ने हेलमेट और सीट बेल्ट को जीवन के रक्षक कवच बताते हुए कहा कि इन्हें किसी भी परिस्थिति में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने हर नागरिक से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन स्वयं करने और दूसरों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया, क्योंकि उनके अनुसार छोटे-छोटे कदम ही बड़ी दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं।
गणमान्य व्यक्तियों और सक्रिय सहभागिता
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में तहसीलदार श्री हरीशकान्त ध्रुव, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री के.के. वर्मा, तथा सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री रामता डे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी हीरा सिंह नायक, प्राचार्य सेजेस कोमाखान तथा शिक्षक गण विजय शर्मा, देवानन्द वेदव्यास, मनीष अवसरिया, भूपेंद्र निराला, गेंदलाल यादव, हीरेन्द्र देवांगन ने सक्रिय सहभागिता निभाई। निर्णायक मंडल में अजय अग्रवाल, मन्नू कुर्रे, हरीश चौहान, कुमत राम ध्रुव, नितिन जैन, हीरेन्द्र उपाध्याय जैसे अनुभवी सदस्य शामिल थे, जिन्होंने निष्पक्ष निर्णय दिया। विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों की उपस्थिति ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जागरूकता और संकल्प का वातावरण
यह वाद-विवाद प्रतियोगिता केवल एक प्रतिस्पर्धा नहीं थी, बल्कि उत्साह, प्रेरणा और जागरूकता से परिपूर्ण एक मंच था। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने यह संकल्प लिया कि सड़क सुरक्षा ही जीवन रक्षा है और इसे अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाएँगे। इस आयोजन ने निश्चित रूप से बागबाहरा में सड़क सुरक्षा के प्रति एक नई चेतना जागृत की है।