अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में 18 अगस्त 2025 को बहुप्रतीक्षित बैठक हुई, जिसने यूक्रेन-रूस युद्ध के संभावित समाधान को लेकर वैश्विक स्तर पर नए सिरे से चर्चा छेड़ दी है।
यह उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता वाशिंगटन डीसी स्थिति व्हाइट हाउस के वेस्ट विंग में आयोजित हुई। कार्यक्रम के अनुसार, दोपहर 1 बजे दोनों नेताओं का अभिवादन हुआ, इसके बाद बिलैटरल वार्ता और फोटो सत्र संपन्न हुआ। इस बैठक के तुरंत बाद, यूरोपीय नेताओं के साथ एक बहुपक्षीय बैठक भी निर्धारित थी, जिसमें यूक्रेन में युद्ध के भविष्य और यूरोप की भूमिका पर विचार-विमर्श हुआ।
ज़ेलेंस्की इस ऐतिहासिक वार्ता से एक रात पहले ही वाशिंगटन पहुंच गए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति का धन्यवाद देते हुए लिखा, “हम सबकी यह प्रबल इच्छा है कि यह युद्ध जल्दी और स्थायी रूप से समाप्त हो। शांति लंबी अवधि की होनी चाहिए।”
बैठक का केंद्रबिंदु रूस-यूक्रेन युद्ध का त्वरित एवं विश्वसनीय समाधान रहा। राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका यूक्रेन को नाटो में शामिल किए जाने का समर्थन नहीं करेगा, जिस पर रूस की आपत्तियाँ रही हैं। ट्रंप का यह बयान दोनों पक्षों के लिए संभावित समझौते का एक आधार बन सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक के पीछे का प्रमुख उद्देश्य पूर्ण युद्धविराम नहीं, बल्कि स्थायी शांति समझौता स्थापित करना था। इस संदर्भ में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, “युद्ध को समाप्त करने का एकमात्र मार्ग यही है कि दोनों पक्ष—रूस और यूक्रेन—समझौते के लिए तैयार हों। दोनों को कुछ पाना और कुछ खोना पड़ेगा; यही वास्तविकता है।”
इस दौरान एक दिलचस्प बिंदु ज़ेलेंस्की के वस्त्र चयन को लेकर भी सामने आया। अमेरिकी अधिकारियों ने यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल से पूछा था कि ज़ेलेंस्की इस बार क्या पहनेंगे, क्योंकि पिछली बैठक में उनका सैन्य पहनावा विवाद का विषय बन गया था। बताया गया कि ज़ेलेंस्की ने इस बार एक बिजनेस स्टाइल की काली जैकेट पहनी, जो उन्होंने हाल ही के नीदरलैंड्स नाटो समिट में पहन रखी थी, जिसे अमेरिका ने अनुयुक्त और शिष्ट बताया।
विशेषज्ञों और पश्चिमी विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप की भूमिका इस वार्ता में निर्णायक बनती दिख रही है। क्योंकि रूस के साथ संवाद और समकक्षीय दबाव बनाने में अमेरिका की वैश्विक स्थिति सबसे मजबूत है। यूक्रेन के लिए भी यह मौका है कि वह अपनी भूमि, संप्रभुता और सुरक्षा पर वैश्विक समर्थन हासिल कर सके।
बैठक के परिणामों की दुनिया भर में निगाहें लगी हैं। हालांकि अभी ठोस समझौते की घोषणा नहीं हुई, लेकिन यह संवाद नए मुहाने खोलता दिख रहा है। आगामी दिनों में बहुपक्षीय चर्चाएँ और वार्ताएँ जारी रहेंगी, जिनसे यह अपेक्षा की जा रही है कि यूक्रेन में जमीनी स्तर पर शांति स्थापित करने की ओर निर्णायक कदम उठाए जाएंगे।
फीचर्ड इमेज क्रेडिट: https://www.facebook.com/TimesofIndia/posts/jaipur-artists-dressed-up-as-lord-radha-and-krishna-play-holi-during-their-perfo/10160324603577139/?locale=hi_IN