हाल के दिनों में कैंसर एक ऐसी बीमारी बन गई है, जिससे कई जानी-मानी हस्तियां भी जूझ रही हैं। बॉलीवुड और टीवी जगत की कई अभिनेत्रियों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा है। कुछ ने इस जंग को जीत लिया, तो कुछ असमय ही हमें छोड़कर चली गईं। लेकिन इन सभी मामलों में एक बात सामान्य रही है – इनकी उम्र। ज्यादातर अभिनेत्रियों को 30 या 35 की उम्र के बाद कैंसर का पता चला है। यह आंकड़ा हर महिला के लिए चिंता का विषय है और यह समझने की जरूरत है कि 30 साल की उम्र के बाद कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके शुरुआती लक्षण अक्सर दिखाई नहीं देते, और जब तक इसका पता चलता है, तब तक यह काफी बढ़ चुका होता है। इसलिए, समय पर जांच करवाना ही इससे बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। आइए जानते हैं 30 साल की उम्र के बाद हर महिला को कौन सी 7 ज़रूरी जांचें करानी चाहिए ताकि इस गंभीर बीमारी को शुरुआती चरण में ही पहचाना जा सके।
क्यों 30 की उम्र के बाद महिलाओं को रहना चाहिए अधिक सतर्क?
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, खासकर 30 के बाद, उनके शरीर में कई हार्मोनल और शारीरिक बदलाव आते हैं जो कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। गर्भाशय ग्रीवा, स्तन और अंडाशय से संबंधित कैंसर का खतरा इस उम्र समूह में अधिक देखा जाता है। अभिनेत्री प्रिया मराठे और रसिका जोशी जैसी कई हस्तियों ने कैंसर से अपनी जान गंवाई, जबकि सोनाली बेंद्रे और ताहिरा कश्यप जैसी अभिनेत्रियों ने सही समय पर इलाज करवाकर इस बीमारी को मात दी। हाल ही में हिना खान और दीपिका कक्कड़ को भी कैंसर का पता चला है। ये सभी मामले इस बात की ओर इशारा करते हैं कि समय रहते जागरूकता और नियमित जांच ही इस बीमारी से लड़ने की कुंजी है।
कैंसर से बचाव के लिए 7 महत्वपूर्ण जांचें जो हर महिला को करानी चाहिए
कैंसर का जल्द पता लगने से उपचार की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, इन सात महत्वपूर्ण जांचों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना महत्वपूर्ण है:
1. पैप स्मीयर (Pap Smear)
पैप स्मीयर टेस्ट प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) की कोशिकाओं में होने वाले असामान्य बदलावों का पता लगाता है, जो सर्वाइकल कैंसर का प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं। 21 से 65 वर्ष की आयु की हर महिला को हर तीन साल में एक बार यह टेस्ट करवाना चाहिए। यह प्रजनन अंगों में कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद करता है।
2. एचपीवी टेस्ट (HPV Test)
ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) सर्वाइकल कैंसर का सबसे प्रमुख कारण है। यह वायरस प्रजनन अंगों की कोशिकाओं में परिवर्तन ला सकता है। एचपीवी टेस्ट 25 साल की उम्र के बाद किया जाता है और अक्सर पैप स्मीयर के साथ ही इसकी सलाह दी जाती है। यह टेस्ट सर्वाइकल कैंसर को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. कोलपोस्कोपी (Colposcopy)
यदि पैप स्मीयर के परिणामों में कोई असामान्यता पाई जाती है, तो डॉक्टर कोलपोस्कोपी करवाने की सलाह दे सकते हैं। इस प्रक्रिया में गर्भाशय ग्रीवा के अंदरूनी हिस्से की बारीकी से जांच की जाती है, जिससे कैंसर के संभावित घावों या असामान्य कोशिकाओं की पहचान की जा सके।
4. ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound)
यह एक इमेजिंग टेस्ट है जो महिला के शरीर के कई हिस्सों में कैंसर कोशिकाओं का पता लगा सकता है। यह विशेष रूप से श्रोणि (Pelvis), अंडाशय (Ovaries) और गर्भाशय (Uterus) में खतरनाक कैंसर की पहचान करने में सहायक होता है।
5. BRCA आनुवंशिक परीक्षण (BRCA Genetic Testing)
यह टेस्ट BRCA1 और BRCA2 नामक जीनों की पहचान करता है। इन दोनों जीनों में उत्परिवर्तन (mutation) स्तन कैंसर और डिम्बग्रंथि (ओवेरियन) कैंसर के बढ़े हुए जोखिम से जुड़ा होता है। यदि आपके परिवार में इन कैंसर का इतिहास रहा है, तो डॉक्टर इस परीक्षण की सलाह दे सकते हैं।
6. सीए-125 रक्त परीक्षण (CA-125 Blood Test)
सीए-125 रक्त परीक्षण आमतौर पर 30 वर्ष की आयु के बाद किया जाता है। यह रक्त में सीए-125 प्रोटीन के स्तर का पता लगाता है। यदि इस प्रोटीन का स्तर रक्त में असामान्य रूप से बढ़ जाता है, तो यह गर्भाशय कैंसर या डिम्बग्रंथि कैंसर सहित कुछ प्रकार के कैंसर का संकेत हो सकता है।
7. एंडोमेट्रियल ऊतक परीक्षण (Endometrial Tissue Test)
यह टेस्ट एंडोमेट्रियल कोशिकाओं (गर्भाशय की आंतरिक परत की कोशिकाएं) में किसी भी असामान्यता का पता लगाता है। इन कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तन गर्भाशय कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इसका समय पर पता लगाना महत्वपूर्ण है।
कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता और नियमित जांच सबसे शक्तिशाली हथियार हैं। अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और 30 की उम्र पार करने के बाद इन जांचों को अपनी वार्षिक स्वास्थ्य जांच का हिस्सा बनाएं। याद रखें, शुरुआती पहचान जीवन बचा सकती है। अपनी स्वास्थ्य संबंधी किसी भी चिंता के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इस पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।