देश में सोना और चांदी दोनों ही ऐतिहासिक ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं। वर्ष 2025 में जहां एक ओर सोने ने ₹1,00,453 प्रति 10 ग्राम का नया रिकॉर्ड बनाया है, वहीं चांदी भी ₹1,16,275 प्रति किलो की कीमत तक पहुंच चुकी है। यह बदलाव निवेशकों और आम जन-जीवन दोनों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।
वर्ष की शुरुआत में, 1 जनवरी 2025 को सोना लगभग ₹78,957 प्रति 10 ग्राम था। इन सात महीनों में कीमतों में ₹21,500 से अधिक का इजाफा हुआ है। इसी तरह, चांदी भी जनवरी में ₹93,010 प्रति किलो थी, जो अब ₹1,16,275 तक पहुंच गई है, यानी निवेशकों को लगभग ₹23,000 प्रति किलो तक का रिटर्न मिला।
विशेषज्ञों के अनुसार इस तेजी के पीछे कई वजहें जिम्मेदार हैं। सबसे प्रमुख कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, डॉलर में उतार-चढ़ाव, अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग में इजाफा और भू-राजनीतिक तनाव हैं। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि जब भी आर्थिक अस्थिरता या बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, सोना और चांदी जैसे सेफ हैवन एसेट्स की डिमांड में इजाफा होता है। इससे इनकी कीमतें स्वाभाविक रूप से ऊपर जाती हैं।
बाजार विश्लेषक अजय केडिया के अनुसार, “सोना महंगाई और वैश्विक संकट के समय में सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। पिछले कुछ महीनों में कीमतों में रिकॉर्ड तेजी की मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग और डॉलर की कीमत में तेजी रही है।” ऐसी स्थितियों में निवेशक शेयर बाजार जैसी जोखिमपूर्ण संपत्तियों की बजाय, सोना-चांदी को अधिक प्राथमिकता देते हैं।
आंकड़े भी यही बताते हैं: जहां सोने की कीमत जनवरी से अब तक ₹1 लाख के पार चली गई, वही चांदी ने भी लगभग 25% का भारी उछाल दर्ज किया है। निवेश की दृष्टि से, सोना-चांदी दोनों ही लगातार मजबूत विकल्प साबित हो रहे हैं। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगर मौजूदा परिस्थिति बनी रही, तो वर्ष 2025 के बाकी महीनों में भी इनकी कीमतों में स्थिरता या और वृद्धि संभव है।
विशेषज्ञों की राय में, आगे आने वाले महीनों में वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाएं, फेडरल रिजर्व की ब्याज नीतियाँ और अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेशकों का रुख इन धातुओं के रुझान को तय कर सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की स्थिति कीमतों की स्थिरता और अपनी जोखिम क्षमता को ध्यान में रखकर निर्णय लें।
इस तरह, सोना-चांदी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने का असर आम आदमी की जेब से लेकर निवेश के मोर्चे तक नजर आ रहा है। आगामी त्योहारों व शादी के सीजन में मांग बढ़ने की संभावना को देखते हुए, इनकी कीमतों में और हलचल देखने को मिल सकती है।